Thursday, January 13, 2011
एक दूजे के लिए हम बने थे नहीं
एक दूजे के लिए हम बने थे नहीं,
फिर भी प्यारा हमारा ये साथ रहा।
खुशियां बांटी हैं जीवन की मिलके सभी,
और दुख में भी तुम्हारा साथ रहा।
ये पता था हमें मिल सकेंगे नही,
फिर भी प्यारा सा इक एहसास रहा।
कच्ची डोरी से हम तुम बंधे ही नहीं
फिर भी बंधन का इक एहसास रहा।
दिल के रिश्ते हैं जो खुद ही जुड़ जाते हैं,
किसी बंधन का इनमें न भास रहा।
प्यार की डोर होती है पावन बड़ी,
इसकी मर्यादा का हमको भास रहा।
यादें दिल में बसी हैं रहेंगी सदा,
चाह कर भी न इनको भुला पाउंगा।
है यहीं मुझको ऐ मेरे प्यारे सनम,
होगे तनहाई में तो मैं याद आऊंगा।
जिन्दगी का सफर है ये लम्बा मगर
प्यार की यादों में ही गुजर जायेगा।
खुश रहो मेरे हमदम ओ मेरे सनम
दिल दुआ देगा हरदम ये दोहरायेगा।
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1 comments:
यादें दिल में बसी हैं रहेंगी सदा,
चाह कर भी न इनको भुला पाउंगा।
है यहीं मुझको ऐ मेरे प्यारे सनम,
होगे तनहाई में तो मैं याद आऊंगा।..........
beautiful lines........
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