Thursday, July 15, 2021

स्वतंत्रता || Swatantrata


बहुत समय पहले की बात है। एक चोर था वह चोरी की नियत से एक सेठ के घर में घुसा, लेकिन सेठ के घर में पाले गए कुत्तों को भनक लग गई और वह भोंकने लगे। चोर भाग कर सेठ की गौशाला में जा छिपा। गौशाला में कई गाय बन्धी थी। तभी एक चमत्कार हुआ। चोर ने महसूस किया कि वह  गायों की बातों को सुन और समझ सकता है।  उस गौशाला में एक बूढ़ी गाय थी जो एक नई नई आई गाय से बात कर रही थी। बूढ़ी गाय ने नई गाय से पूछा, "तुम तो नयी लगती हो, पहले तुमको यहां नहीं देखा"। नई गाय ने कहा, "मैं आज ही आई हूं, अब ना मालूम कितने दिन तक मुझे यहां बंद कर रहना पड़ेगा, पहले मैं जंगल में स्वतंत्रता पूर्वक विचरण करती थी"। बूढ़ी गाय ने कहा, "जो जिसका कर्जदार है, उसे तो कर्ज उतारना ही होगा"। नई गाय ने कहा, "मैं आपकी बात का मतलब नहीं समझी"। तब बूढ़ी गाय ने कहा कि मैं पिछले जन्म में एक चोर थी और मैंने इस सेठ के घर में इसके धन की चोरी की थी उस चोरी के कारण मुझे इस जन्म में गाय बनना पड़ा और जितना धन मैंने इस सेठ का चोरी किया था उस धन के बराबर मुझे दूध देकर भरपाई करनी है तभी मेरी मुक्ति हो पाएगी। गायों की बात सुनकर चोर सन्न रह गया। उसने निश्चय किया कि अब वह चोरी का काम नहीं करेगा बल्कि मेहनत मजदूरी करके जो कुछ भी प्राप्त होगा उसी से अपना जीवन यापन करेगा। इस प्रकार चोर ने चोरी का काम सदा के लिए छोड़ दिया और मेहनत तथा ईमानदारी के साथ सुख पूर्वक जीवन व्यतीत करने लगा।

Wednesday, July 14, 2021

भोलू गौरी और टॉमी || Bholu, Gauri aur Tomy

 


एक गांव में भोलू नाम का एक लड़का रहता था उसकी मां बचपन में ही गुजर चुकी थी उसका पालन पोषण उसके पिता और गौरी ने किया था। गौरी कौन है? गौरी है उसकी प्यारी गाय। वह गौरी को बहुत प्यार करता था और गौरी भी उसे पुत्रवत स्नेह करती थी। भोलू ने एक कुत्ता भी पाल रखा था जिसका नाम टॉमी था। एक दिन उसके घर में उसके मामा जी आए और उन्होंने गाय अपने घर ले जाने की इच्छा जाहिर की। भोलू के पिताजी उन्हें मना कर सके अगले दिन सुबह उसके मामा गाय को अपने साथ ले गए। गौरी के जाने से भोलू बहुत दुखी रहने लगा और अब वह टॉमी के साथ खेलता भी नहीं था। एक दिन भोलू टॉमी के साथ उदास बैठा था तभी उसने टॉमी से कहा कि गौरी के बिना उसका मन नहीं लगता इसीलिए वह बहुत दुखी रहता है। उस दिन शाम से ही टॉमी दिखाई नहीं दिया। भोलू को बड़ी चिंता हुई कि पहले गौरी गई और अब टॉमी भी कहीं चला गया। दुखी मन से उस की रात बीती। अगली सुबह उसके कानों में गौरी की आवाज सुनाई दी उसे लगा कि वह सपना देख रहा है लेकिन गौरी की आवाज बार-बार सुनाई देने पर वह उठा और बाहर निकल कर देखा तो गौरी खड़ी थी। वह जाकर गौरी से लिपट गया और गौरी भी उसे दुलार करने लगी। गोलू ने देखा गौरी की रस्सी बुरी तरह कुतरी गई थी। उसे यह समझते देर लगी की गौरी की रस्सी को टॉमी ने ही कुतरा होगा। जो भी हो भोलू गौरी और टॉमी को साथ पाकर बहुत खुश हुआ।

Tuesday, July 13, 2021

चरवाहा || Charwaha

 


एक चरवाहा था। वह रोज गाय चराने जाता था। उसके साथ उसका पालतू कुत्ता भी जरूर जाता था। वह दिन भर अपने कुत्ते के साथ खेलता और शाम को गायों को वापस लेकर के गांव जाता था। रोज की तरह एक दिन वह गाय चराने गया और एक घने पेड़ के नीचे बैठकर सोचने लगा कि एक दिन उसके पास भी ढेर सारी गाय हो जाएंगी और वह खूब सारा दूध देंगी। जिन्हें बेचकर वह बहुत अमीर हो जाएगा। जाने कब तक वह अपने दिवास्वप्न में डूबा रहा कि उसे यह भी नहीं पता चला कि उसकी गाय किधर चली गई। जब उसे होश आया तो शाम होने वाली थी और आसपास गायों का अता पता ही नहीं था। वह बहुत दुखी हुआ और अपने कुत्ते के पास बैठकर दुखी मन से बड़बड़ाने लगा, " जाने मेरी गाय कहां गई, अब मैं बिना गायों के घर कैसे जाऊंगा, अगर घर गया तो जरूर मेरी पिटाई होगी।" तभी उसने देखा कि उसका कुत्ता एक तरफ भोंकते हुए भागा जा रहा है वह भी अपने कुत्ते के पीछे दौड़ने लगा। थोड़ी दूर जाकर के उसने देखा कि उसकी गाय झाड़ियों के पीछे चर रही थी। गायों को पाकर वह बहुत खुशी हुआ और कुत्ते और गाय को लेकर वापस अपने घर गया।

Monday, July 12, 2021

दिवास्वप्न || Day Dreaming



एक गांव में एक ग्वाला था। उसके घर में कई गाय थी जिनका दूध वह अपने गांव के लोगों को बेचने के लिए रोज जाता था। एक दिन वह दूध लेकर जा रहा था और मन ही मन सोच रहा था कि अभी उसके पास जितनी गाय हैं कुछ दिन बाद उसकी दोगुनी गाय उसके पास होंगी और उसके कुछ दिन बाद उससे भी दोगुनी गाय उसके पास हो जाएंगी। तब उसके पास बेचने के लिए बहुत ढेर सारा दूध भी हो जाएगा। इस प्रकार दूध बेच बेच कर वह बहुत अमीर हो जाएगा। इसी प्रकार दिवास्वप्न देखते हुए वह आगे बढ़ता जा रहा था कि तभी उसका पैर जमीन पर बैठे हुए एक कुत्ते से टकरा गया। कुत्ता पें- पें करते हुए भागा लेकिन तब तक उस लड़के का सारा दूध गिर चुका था। भविष्य में होने वाले लाभ के बारे में सोचते सोचते वह अपने वर्तमान के लाभ से भी हाथ धो बैठा।