हम कहां जा रहे हैं?
मेरे मित्र पवन तिवारी जी ने कल एक बड़ा ही जटिल सा प्रश्न मेरे सामने रखा। हिमांशु जी क्या कभी आपने अपने जीवन के बारे में सोचा है कि आपके जीवन का उद्देश्य क्या है, आपको कहां जाना है, जीवन का सही अर्थ क्या है? क्या आपने अपने जीवन का लक्ष्य तय कर लिया है? यदि यह प्रश्न पवन जी के अलावा किसी और ने किया होता तो मैं जीवन की एक बड़ी ही रोचक सी परिभाषा दे देता, किन्तु एक अभिन्न मित्र से मिथ्यावर्णन कैसे कर सकता था। अत: मैं चुप ही रहा। उन्होने मेरी चुप्पी से भांप लिया कि मेरी मन:स्थिति कुछ उत्तर देन की नहीं है। उन्होंने कहा कि वास्तव में यह एक कठिन प्रश्न है। हम अपने बारे में बहुत कम सोचते हैं इतिहास तो पूरा पढ़ डालते हैं लेकिन यह नहीं जानते कि हमारा उद्गम और अन्त क्या है या क्या होना चाहिए। सचमुच में यह सत्य ही था और बड़ा ही जटिल प्रश्न था मेरे लिए। तब से मैं सोच रहा हूं कि सचमुच में मेरा लक्ष्य क्या है? केवल एक अच्छी नौकरी, रूपया पैसा, रूतबा या इससे हटकर कुछ और...........
Tuesday, March 10, 2009
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1 comments:
सचमुच में मेरा लक्ष्य क्या है? केवल एक अच्छी नौकरी, रूपया पैसा, रूतबा या इससे हटकर कुछ और..........."
कुछ और ही मेरे प्रिय !
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