मेरे पास क्या है ? कुछ भी तॊ नहीं दिया ऊपर वाले ने।
अक्सर ऎसे ही विचार हमारे मन में न जाने कहां से आते रहते हैं। जब ये विचार हमारे मन में आते रहते हैं उसी समय इन विचारॊ के सहारे ऊपर वाला हमें संदेश देता है कि मैंने तुम्हें क्या दिया है। ये जॊ तुमने सॊचा, यह जॊ विचार की शक्ति है यही तुम्हारी सबसे बडी ताकत है यही सबसे बडा हथियार है जॊ मैने तुमकॊ दिया है। अरे वाह इस ऒर तॊ कभी हमारा ध्यान ही नहीं गया। सचमुच यह तॊ बडे काम की चीज है। अरे आज तक न जाने मैंने कितने विचारॊं पर बिना विचार किये ही उन्हें व्यर्थ में गवा दिया। विचार की मशीन बिना रुके बिना थके दिन रात चलती रहती है। हर समय हमारे मन में तरह तरह के विचार पनपते रहते हैं। पर क्या कभी हमने इन मुफ्त में मिले विचारॊं पर गौर किया। नहीं न। फिर हमने कैसे ऊपर वाले पर दॊष लगाना शुरू कर दिया।
विचार की शक्ति बहुत बडी शक्ति है। यह हमें निरन्तर न जाने कहां से मिलती रहती है। हम कभी इस ऒर ध्यान भी नहीं देते। आवश्यकता इस बात की है कि हम इस पर विचार करें और अपने विचारॊ कॊ सहेजना सीखें। यही प्रयास करने की शुरूआत मैने आज इस पॊस्ट के माध्यम से किया है। यह मेरा छॊटा सा ही कदम है लेकिन मुझे विश्वास है कि हर लम्बे सफर का पहला कदम छॊटा ही हॊता है। अतः मेरा यह छॊटा कदम व्यर्थ नही जायेगा और मैं निरन्तर अपने विचारॊं कॊ सहेजता रहूंगा।
जरा विचार कीजिए यदि हमारे पूर्वजॊं ने विचारॊं कॊ सहेजा न हॊता तॊ क्या हम वहां हॊते जहां आज हैं। बिल्कुल नहीं। ठीक है मैं आज से ही अपने विचारॊं कॊ सहेजना शुरू कर देता हूं। मुझे पूरा विश्वास है कि ईश्वर इस कार्य में मेरी मदद अवश्य करेगा।
Friday, March 6, 2009
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8 comments:
bilkul sahi likha aapne..vicharon ka ye prvaah to chaltaa hi rahega..
बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
बहुत अच्छे विचार हैं, कृपया लिखते रहें |
mujhe gandhi ji ka jantar yaad aa gya jo hamari skul ki kitabon ke pehle peaj par likha hota tha
chitha jagat main aapka swagat hai shri main
milega,milega.narayan narayan
ब्लोगिंग जगत में आपका स्वागत है।
शुभकामनाएं।
कविता,गज़ल और शेर के लिए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
www.zindagilive08.blogspot.com
आर्ट के लिए देखें
www.chitrasansar.blogspot.com
I TOYALLY AGREE WITH YOU SIR HUM LOG SABSE PAHLE DUSRO KO HI BLAME KARTE HAI...........
हम आप के विचारों से सहमत हैं ! लेकिन क्या आज के माहौल में संभव है! अगर है तो हममे से किसी को तो सबसे अलग हो के इस विचार को प्रज्वलित करना ही होगा |
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