एक
गांव में भोलू नाम का एक लड़का
रहता था उसकी मां
बचपन में ही गुजर चुकी
थी उसका पालन पोषण उसके पिता और गौरी ने
किया था। गौरी कौन है? गौरी है उसकी प्यारी
गाय। वह गौरी को
बहुत प्यार करता था और गौरी
भी उसे पुत्रवत स्नेह करती थी। भोलू ने एक कुत्ता
भी पाल रखा था जिसका नाम
टॉमी था। एक दिन उसके
घर में उसके मामा जी आए और
उन्होंने गाय अपने घर ले जाने
की इच्छा जाहिर की। भोलू के पिताजी उन्हें
मना न कर सके
अगले दिन सुबह उसके मामा गाय को अपने साथ
ले गए। गौरी के जाने से
भोलू बहुत दुखी रहने लगा और अब वह
टॉमी के साथ खेलता
भी नहीं था। एक दिन भोलू
टॉमी के साथ उदास
बैठा था तभी उसने
टॉमी से कहा कि
गौरी के बिना उसका
मन नहीं लगता इसीलिए वह बहुत दुखी
रहता है। उस दिन शाम
से ही टॉमी दिखाई
नहीं दिया। भोलू को बड़ी चिंता
हुई कि पहले गौरी
गई और अब टॉमी
भी कहीं चला गया। दुखी मन से उस
की रात बीती। अगली सुबह उसके कानों में गौरी की आवाज सुनाई
दी उसे लगा कि वह सपना
देख रहा है लेकिन गौरी
की आवाज बार-बार सुनाई देने पर वह उठा
और बाहर निकल कर देखा तो
गौरी खड़ी थी। वह जाकर गौरी
से लिपट गया और गौरी भी
उसे दुलार करने लगी। गोलू ने देखा गौरी
की रस्सी बुरी तरह कुतरी गई थी। उसे
यह समझते देर न लगी की
गौरी की रस्सी को
टॉमी ने ही कुतरा
होगा। जो भी हो
भोलू गौरी और टॉमी को
साथ पाकर बहुत खुश हुआ।
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