उठा लो तलवार, लिख दो अपना नाम
अभी तो है सबेरा कहीं हो जाए न शाम
शिक्षा को आधार बनाकर
मेहनत को तलवार बनाकर
सहस को हथियार बनाकर
अच्छाई को पास बुलाकर
बुराई को दूर भगा कर
दिमाग को तेज रफ्तार का भगाकर
करना होगा कुछ अच्छा कम
अभी तो है सवेरा कहीं हो जाए न शाम
Monday, November 10, 2008
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