ज्यों ज्यों अभिमान कम होता है कीर्ति बढती है - यंग
आग आग से नही पानी से शांत होती है - मुंशी प्रेमचंद
किसी कार्य का प्रारम्भ उसका सबसे महत्वपूर्ण अंग होता है - प्लेटो
आलस्य दरिद्रता की कुंजी है और सारे अवगुणों की जड़ है - स्पर्जन
आलस्य वह राजरोग है जिसका रोगी कभी नही संभलता- मुंशी प्रेमचंद
अभिलाषा तभी फलोत्पादक होती है जब वह दृढ़ निश्चय में परिणित कर दी जाती है - स्वेड मार्डेन
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