अभी मैं एक प्रतिष्ठित टी०वी० चैनल पर योगाभ्यास का कार्यक्रम देख रहा था। उस योगाभ्यास कार्यक्रम में अनेकानेक वरिष्ठ नागरिक लाभान्वित हो रहे थे। मुझे यह देखकर काफी निराशा भी हुई और आश्चर्य भी कि उस कार्यक्रम में एक भी युवा योगाभ्यास नहीं कर रहा था। यह स्थिति केवल उस टी०वी० चैनल की ही नहीं है वरन हमारे चारो ओर देखने को मिल जाता है। जब मैं सुबह टहलने के लिए निकलता हूं तो टहलने वालों में सबसे अधिक संख्या उनकी होती है जो अभी हाल ही में सेवानिवृत्त हुए हैं और जैसे-जैसे हम कम उम्र के लोगों की ओर बढ़ते जाते हैं संख्या आश्चर्यजनक रूप से कम होती जाती है। स्थिति यह है कि १८-२० वर्ष आयु के युवा बहुत ढूढने के बाद कहीं दिख जाते हैं।
यह स्थिति अत्यन्त निराशाजनक है। कहा जाता है कि उपचार से बेहतर परहेज है। व्यायाम के महत्व को युवा संन्यासी स्वामी विवेकानन्द जी ने स्वीकार करते हुए कहा था कि युवाओं को खूब व्यायाम करना चाहिए क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क रहता है। बिना स्वस्थ मस्तिष्क के कोई भी कार्य नहीं किया जा सकता। फिर हमारे युवा के मन में यह छोटी सी बात क्यों नहीं आ रही है। अरे भाई क्या बतायें समय ही नहीं मिलता। समय नहीं मिलता या हम समय नहीं निकालते या साफ-साफ कहें तो समय का प्रबन्धन ठीक ढंग से नहीं कर पाते। एक प्रश्न और हमेशा मन में गूंजता है कि पहले का युवा कितना अलमस्त रहता था वह हर चीज में बढ-चढ कर हिस्सा लेता था और हर क्षेत्र में उसकी उपलब्धि देखी जा सकती है। पह पढ़ाई भी करता था और अच्छा खिलाड़ी हुआ करता था और यदि बात देशभक्ति की आ जाये तो जान देने को भी तैयार रहता था। ये सारे गुण आज के युवा में कम होते हुए से प्रतीत हो रहे हैं। हमारा आज का युवा व्यस्त अधिक हो गया है लेकिन आउटपुट कुछ देखने को नहीं मिल रहा है। यह तो वही बात हुई कि "बिजी विदाउट बिजिनेस"। इस स्थिति से हमारा युवा भी काफी निराश, हताश और परेशान है। उसे कोई राह दिखाई नहीं दे रही है, वह क्या करे, कहां जाये...... कोई है जो उसे सही राह दिखा सके.......... चिट्ठाजगत से गुहार है कोई उसकी मदद करे
Saturday, March 28, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
4 comments:
Darasal logon ko swasthya ya vyayam ki chinta tabhi hoti hai jab unke paas koi aur raasta nahin bachta, arthath kisi bimari ke chakkar me vo pad chuke hote hain.Is pravirti ko badalne ki jaroorat hai.
aaj ke haalaton se yuth ne samjhouta kar liya hai ..aaj exercise ki jagah kaan me ear phone jyaada jaruri ho gaya hai ..ham sab khud jimmedaar hai ...apane sarir ko barbaad karne ke liye..
himaansu jee aapane mere ..bhed bakriyon ..par comment diya aur sahmat nahi hue ...kadr karta hoon par meri bhi suniye....
himansu jee jiwan sangharsh se mai inkaar nahi kar raha ..mera matlab kuchh dusara hai ki kaas koi kisi ko pairon tale round kar aage nahi badhata ...aage jaana achchhi baat hai ..par kisi nirih ki kimat par nahi ... sabhi logo ko ek samaan stage nahi mil pata hai ....
Maine aapkaa lekh padha..wo achha hai ye kehnekee zaroorat to nahee...haath kanganko aarsee dikhanewalee baat hogee..
Aapne meree " Kahanee" blogpe (Naihar, is sheershaktale) tippanee dee iskee shikrguzaaree ata kartee hun...
Sach kaha aapne...yebhi kahungi ki, aap jaisa sochnewala sapoot har maa kaa saubhagy ho....mere sahit....itneehee dua karen mere liye...
Post a Comment